भगवान भोलेनाथ को समर्पित श्रावण मास में हरियाली तीज की अपनी एक अलग महत्ता है. शिवमहापुराण में इस त्यौहार के विषय में माता पार्वती विवाह के रूप में पढ़ने को मिलता है.
ये हरियाली तीज व्रत वैसे तो विवाहित स्त्रियों के लिए होता है जो इस व्रत को करके अपने जीवन साथी और परिवार की सुख एवं समृद्धि की माता पार्वती से प्रार्थना करती है.
ये व्रत विशेष रूप से माता गौरी की पूजा अर्चना का व्रत बताया गया है.
हरियाली तीज कब मनाई जाती है?:- यह त्यौहार श्रावण मास के शुक्ला पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 7 अगस्त 2024 दिन बुधवार को मनाया जायेगा.
तीज का त्यौहार कैसे मनाया जाता है:- यह त्यौहार माता पार्वती से आशीर्वाद और वरदान पाने का पर्व है. इस दिन स्त्रियां और लड़कियां व्रत और उपवास रहती है. वैसे बड़ा ही कठिन व्रत माना जाता है क्योंकि -1:-इस दिन व्रत करने पर जल या पानी नहीं ग्रहण किया जाता है. निर्जला व्रत का विधान है. 2:- सुहागिन स्नान के पश्चात 16 श्रृंगार करके, हाथों में मेहदी लगाकर और हरी साड़ी और हरी चूड़ियाँ धारण करती है. 3:- शाम को शिवालय में जाकर भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि पूर्वक 16 प्रकार की सामग्रीयों (हल्दी, अक्षत, कुमकुम, मेहदी, पान आदि ) को अर्पित किया जाता है. 4:- इस पूजन के बाद पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है. महिलाये पूजन के साथ-साथ गीत गायन भी करती है. 5:- माता पार्वती को घी की आरती करके उनसे अपनी मानोकामना पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगती है.6:- इस व्रत में शाम को कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है. 7:- अगले दिन स्नान ध्यान करने के पश्चात ही व्रत तोड़ा जाता है. 8:- आज के दिन लड़कियाँ और सुहागिन झूला झूलकर खुशियाँ मानाती है.
डिस्कलेमर:- यह लेख एक सूचना मात्र है, विधिवत विधि विधान के लिए किसी विद्वान से सलाह लेने के बाद ही व्रत उपवास के नियमों का पालन करें.