उत्तरप्रदेश वृद्धाआश्रम : वरिष्ठ नागरिकों का भरण- पोषण और सुरक्षा!
उत्तरप्रदेश सरकार समाज में ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए सजगता दिखाने का काम किया है जिनकी देख- भाल करने वाला कोई नहीं है, सरकार ऐसे लोगों के प्रति अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए स्वयंसेवी संस्थाओ की सहायता से प्रदेश के सभी 75 जिलों में वृद्धआश्रम खोले जाने का प्रावधान किया है. ये वृद्धआश्रम उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक भावात्मक सहयोग है, दुर्भाग्यवश जिनके आगे पीछे कोई पुरसहाल नहीं है.
प्रदेश में कितने होंगे वृद्धाश्रम:-
उत्तर प्रदेश सरकार वृद्ध एवं असहाय नागरिकों की सुरक्षा और उनके भरण- पोषण के लिए विशेष प्रावधान के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों में समाज कल्याण विभाग के जरिये एक वृद्धाश्रम को संचालित किया जाना सुनिश्चित किया है. सभी 75 जिलों में जो वृद्धाश्रम बनाये गए है वो बुजुर्गों की सभी प्राथमिक जरूरतों को पूरा करेंगे. बुजुर्गो के खाने- पीने की व्यवस्था के साथ उनके रहने का भी समुचित प्रबंध किया गया है.
वृद्धाश्रम में कितने वरिष्ठ नागरिक रह सकते है:- उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर जिले में बने वृद्धाश्रम में लगभग 150 बुजुर्गो के पंजीकरण को फिलहाल निर्धारित किया है. इसमें उन बुजुर्गो को रहने का लाभ मिलेगा जो इधर- उधर जैसे:- रेलवे स्स्टेशन, सड़क के किनारे और बस स्टेशन आदि पर रहने को लाचार है, और यदि ये जिले के जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और अन्य किसी सक्षम अधिकारी की दृष्टि में आते है तो उन्हें वृद्धाश्रम में रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
MP, MLA और किसी गणमान्य व्यक्ति की संस्तुति होगी मान्य :- स्वयंसेवक संस्था द्वारा संचालित इन वृद्धाश्रम में क्षेत्र के सांसद और विधायक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति की सिफारिश पर भी आश्रयहीन बृद्धजनों को हर तहर की सहायता और उन्हें बृद्धाश्रम में रहने की पूरी छूट दी जाएगी.
सरकार ने उन बुजुर्गो के लिए भी प्रावधान किया है जो अपने भरण- पोषण के लिए सम्बंधित विभाग में शिकायत दर्ज करा रखी है, यदि निर्णय के दौरान सम्बंधित बुजुर्ग को उसकी संतान अपने साथ रखने के लिए राजी नहीं होती है तो ऐसे बुजुर्ग को उसकी संतान से मिलने वाले निर्वहन राशि के आधार पर वृद्धाश्रम में रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.कैसे करें आवेदन?:- जो भी बुजुर्ग या वरिष्ठ नागरिक वृद्धाश्रम में रहने के लिए आवेदन करते हैं, उनके आवेदन पर विचार करने से पूर्व उनके द्वारा उपलब्ध कराये गए कागजातों की पड़ताल करने के पश्चात् उनके प्रवेश पर विचार करने के लिए निर्धारित की गई समितियों की सहमति और समाज कल्याण विभाग के सक्षम अधिकारीयों का निर्णय अंतिम होगा. उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग को वृद्धाश्रम को संचालित करने के लिए पचास करोड़ से अधिक की धन राशि का आवंटन किया गया है. जो समय- समय पर संसोधित किया जाता रहता हैं.
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